डायबिटीज के कारण किडनी की समस्या
मधुमेह के शिकार लोगों में किडनी की बीमारी होना काफी सामान्य होता जा रहा है। हमारी किडनी लाखों छोटे फिल्टरों से बनी होती है जिन्हें नेफ्रॉन कहा जाता है। समय के साथ, हाई ब्लड शुगर की समस्या किडनी के साथ-साथ नेफ्रॉन में रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाने लगती है जिससे इनके लिए अच्छे तरह से काम करना कठिन हो जाता है। इसके अलावा मधुमेह से पीड़ित कई लोगों में उच्च रक्तचाप का भी खतरा होता है जिसके कारण भी किडनी को नुकसान पहुंच सकता है।
आइए जानते हैं कि किन लक्षणों से किडनी की समस्याओं की पहचान की जा सकती है?
डायबिटीज में किडनी की बीमारियों के लक्षण
डायबिटीज में किडनी की होने वाली समस्याओं को डायबिटिक नेफ्रोपैथी कहा जाता है। प्रारंभिक चरण में ज्यादातर लोगों में इसके लक्षण नहीं होते हैं हालांकि अगर ये समस्या बढ़ती है तो इसके कारण कई तरह की दिक्कतें हो सकती हैं। डायबिटिक नेफ्रोपैथी वाले रोगियों के लिए ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करना कठिन हो जाता है। इसके अलावा ये पैरों, टखनों, हाथों या आंखों में सूजन के साथ झागदार पेशाब, सांस लेने में कठिनाई, भूख में कमी, उल्टी, थकान और कमजोरी का कारण बन सकती है।
इन संकेतों को न करें अनदेखा
प्रसिद्ध डायबिटीज़ विशेषज्ञ एस पी सिंह पटना कहते हैं, यदि आप डायबिटिक हैं, तो किडनी रोग के तीन प्रारंभिक संकेतों को लेकर अलर्ट रहना चाहिए। यदि आपको पेशाब के रंग में बदलाव महसूस होता है तो अलर्ट हो जाइए। इसके अलावा अक्सर थकान और शरीर में खुजली के अलावा यदि हाथ या पैरों में सूजन महसूस होती है तो इस समस्या को लेकर शीघ्रता से विशेषज्ञ चिकित्सक से संपर्क करें। इसे अनदेखा करना आपके लिए समस्याकारक हो सकता है।
डायबिटीज रोगी किडनी को कैसे रखें स्वस्थ?
कुछ बातों का ध्यान रखकर आप डायबिटीज की स्थित में किडनी की समस्याओं के खतरे को कम कर सकते हैं।
जितना संभव हो सके अपने रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित रखने का प्रयास करें।
साल में कम से कम दो बार A1C परीक्षण करवाएं, अपने डॉक्टर से बात करें कि कितनी बार ये आपके लिए सही है।
शुगर के साथ रक्तचाप की भी नियमित जांच करें और। इसे 140/90 मिमी/एचजी से नीचे रखने का प्रयास करें।
लो सोडियम वाले खाद्य पदार्थ खाएं।
आहार में फल और सब्जियों की मात्रा अधिक रखें।
शारीरिक रूप से सक्रिय रहें, नियमित व्यायाम जरूरी है।
एस पी सिंह वरिष्ठ फिजिशियन और डायबिटीज़ विशेषज्ञ,
डाइबिटीज होने से किडनी कैसे खराब होती है आइये जानते हैं ।
Astha Foundation (Trust) is a registered organisation based in Patna (Bihar) Registered as a public Trust. Mainly aims to benefit underprivileged children and their families, through various projects and health care, education, nutrition, shelter, livelihood, women empowerment, child rights and other social issue.
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