डायबिटीज मरीज ना करें इन 5 सुनी-सुनाई बातों पर यकीन
डायबिटीज के बारे में कई ऐसे मिथक हैं, जिन पर लोग आंखें बंद करके विश्वास कर लेते हैं. लेकिन इस बढ़ती हुई बीमारी के बारे में रिसर्च और साइंस का क्या मानना है, इस बारे में जानना काफी जरूरी है. इसलिए इस आर्टिकल में हम आपको डायबिटीज से संबंधित कुछ कॉमन मिथक और उनकी सच्चाई के बारे में बताएं
डायबिटीज काफी कॉमन बीमारी है
डायबिटीज के बारे में काफी मिथक फैले हुए हैं
डायबिटीज के मिथक और उनकी सच्चाई आर्टिकल में जानेंगे
भारत में पिछले कुछ सालों में डायबिटीज के मरीजों की संख्या में काफी बढ़ी है. डायबिटीज के मरीज बढ़ने का कारण गलत लाइफस्टाइल, फिजिकल एक्टिविटी की कमी, स्ट्रेस और गलत खान-पान है. डायबिटीज के 2 प्रकार होतें है. टाइप 1 डायबिटीज और टाइप 2 डायबिटीज. टाइप 1 डायबिटीज में पैनक्रियाज से इंसुलिन का उत्पादन बिल्कुल भी नहीं होता जबकि टाइप 2 डायबिटीज में पैनक्रियाज से कम मात्रा में इंसुलिन का उत्पादन होता है.
कुछ रिसर्च बताती हैं कि हर 10में से 4 व्यक्ति को डायबिटीज है. डायबिटीज मेलिटस या मधुमेह को आसान भाषा में समझें तो यह ऐसा डिसऑर्डर है जो लंबे समय तक हाई ब्लड शुगर यानी हाइपरग्लेसेमिया से जुड़ा हुआ है. डायबिटीज के बारे में लोगों के मन में काफी आम धारणाएं होती हैं जो गलत भी हो सकती हैं. इसलिए आज हम डायबिटीज से संबंधित कुछ ऐसे मिथक और उनकी सच्चाई बता रहे हैं, जिन्हे जानना सभी के लिए काफी जरूरी है.
डायबिटीज वाले लोग मीठा नहीं खा सकते (People with diabetes can’t eat sugar)
यह सबसे आम डायबिटीज के मिथकों में से एक है कि डायबिटीज वाले बिल्कुल भी चीनी या मीठे का सेवन नहीं कर सकते. डायबिटीज वाले लोगों को बैलेंस डाइट लेने की जरूरत होती है, जिसमें थोड़ी मात्रा में चीनी शामिल हो सकती है. लेकिन उन्हें अपने डाइट को इस बैलेंस करना होता है कि उनका ब्लड शुगर लेवल बैलेंस रहे. लेकिन इसके लिए उन्हें अपने डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए.
टाइप 2 डायबिटीज सिर्फ मोटे लोगों को होता है
काफी समय से एक मिथक चला आ रहा है कि टाइप 2 डायबिटीज सिर्फ मोटे या अधिक वजन वाले लोगों में होता है, लेकिन यह गलत है. दुनिया में जिन लोगों को डाइप 2 डायबिटीज है, उनमें से करीब 20 प्रतिशत लोग ऐसे हैं, जिनका वजन नॉर्मल या अंडरवेट है. रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) नेशनल डायबिटीज स्टैटिक्स रिपोर्ट 2020 के आंकड़ों के अनुसार, US में टाइप 2 मधुमेह वाले 11 प्रतिशत लोग न तो अधिक वजन वाले हैं और न ही मोटे हैं.
मधुमेह वाले लोगों को कार्बोहाइड्रेट से बचना चाहिए (People With Diabetes Should Avoid Carbohydrates)
कार्बोहाइड्रेट ब्लड शुगर लेवल को बढ़ा सकते हैं, क्योंकि कार्बोहाइड्रेट ग्लूकोज में ब्रेक होता है और उससे शरीर को एनर्जी मिलती है. हालांकि, कार्बोहाइड्रेट कई प्रकार के फूड्स में मौजूद होता है जो शरीर को कई पोषक तत्व भी प्रदान करते हैं. इसलिए कार्बोहाइड्रेट से पूरी तरह से बचना अच्छा नहीं होता. क्योंकि हर जो चीज आप खाते हैं अधिकतर चीज में कार्बोहाइड्रेट होता है. जैसे: चावल, रोटी, फल आदि. इसलिए पहले किसी डायटीशियन से संपर्क करें जो डायबिटिक पैशेंट के लिए उचित सलाह देते हैं.
मीठा खाने से ही डायबिटीज होती है
यह सबसे आम मिथक है कि केवल ज्यादा मीठा खाने से ही डायबिटीज हो जाती है. लेकिन अधिक मीठा खाने और चीनी खाने से सीधे तौर पर डायबिटीज की शिकायत नहीं होती. अगर किसी को डायबिटीज की शिकायत हो जाती है तो जरूर उसे ब्लड शुगर कम करने के लिए मीठी चीजें न खाने की सलाह दी जाती है.
अगर आप शरीर की जरूरत से ज्यादा कैलोरी लेते हैं और आपका वजन बहुत ज्यादा हो जाता है तो आपको डायबिटीज होने की संभावना ज्यादा हो जाती है. कई मीठी चीजों और ड्रिंक्स में कैलोरी ज्यादा हो सकती है जिससे मोटापे का खतरा बढ़ जाता है. हालांकि, मीठी चीजों के अलावा और भी कई चीजों से आपकी कैलोरी इनटेक ज्यादा हो सकती है.
2013 में पब्लिश हुई एक स्टडी के मुताबिक, कैलोरी लेने और बॉडी मास इंडेक्स (BMI) को कंट्रोल करने के बाद भी अगर कोई सोडा का सेवन करता है तो उसे डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है.
टाइप 2 डायबिटीज हल्का होता है (Type 2 diabetes is mild)
अक्सर लोगों का मानना होता है कि टाइप 2 डायबिटीज माइल्ड होता है. लेकिन उन लोगों को बताना चाहेंगे कि डायबिटीज का कोई भी रूप हल्का नहीं होता. यदि टाइप 2 डायबिटीज को सही तरीके से ट्रीट न किया जाए तो यह गंभीर स्थिति पैदा कर सकता है और यहां तक की जान का भी जोखिम पैदा कर सकता है. इसलिए किसी भी तरह की डायबिटीज का उचित इलाज करें.
एस पी सिंह वरिष्ठ फिजिशियन और मधुमेह रोग विशेषज्ञ पटना
डाइबिटीज से पीड़ित लोग ना करें इन पांच सुनी सुनाई बातों पर यकीन। नहीं तो आप परेशानी में पड़ सकते हैं ।
Astha Foundation (Trust) is a registered organisation based in Patna (Bihar) Registered as a public Trust. Mainly aims to benefit underprivileged children and their families, through various projects and health care, education, nutrition, shelter, livelihood, women empowerment, child rights and other social issue.
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